वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन ने युवा रचनात्मक प्रतिभाओं को सम्मानित किया

रचनात्मक विचारों वाले विद्यार्थियों को उद्योग के लायक तैयार करने में अध्यापकों' की अहम भूमिका



दिल्ली : रचनात्मक क्षेत्र में शिक्षा के लिए समर्पित भारत की पहली और एकमात्र युनिवर्सिटी-वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन (डब्ल्यूयूडी) के स्कूल ऑफ विजुअल आर्ट्स ने रचनात्मक विद्यार्थियों को प्रेरित करने और उन्हें आगे एक पेशेवर करियर के लिए तैयार करने के उद्देश्य से 11 दिसंबर, 2019 से तीन दिवसीय प्रदर्शनी आयोजित की। इस प्रदर्शनी में राष्ट्रीय युवा पेंटिंग प्रतिस्पर्धा टॉनी टील टैन के विजेताओं की रचनाओं को प्रदर्शित किया गया।


इस प्रतिस्पर्धा में विभिन्न स्थानों से 15 से 18 वर्ष के आयु समूह के विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और इसका उद्देश्य सर्वोत्तम रचनात्मक संभावनाओं वाले विद्यार्थियों की पहचान करना था।


कला वीथिका में आयोजित इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी के तहत डब्ल्यूयूडी कैंपस की 50 सर्वोत्तम प्रविष्टियों को प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर प्रदर्शनी में पधारने वाली प्रमुख हस्तियों में मुख्य अतिथि श्री सिद्धार्थ टैगोर (निदेशक, आर्ट कंसल्ट गैलरी, आर्ट एंड डील पत्रिका की प्रकाशक), विशिष्ट अतिथि डब्ल्यूयूडी के कुलपति डॉक्टर संजय गुप्ता और जूरी सदस्य प्रोफेसर शालीन शर्मा, डीन आर्किटेक्चर, डब्ल्यूयूडी शामिल रहे।


इस अवसर पर वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिज़ाइन के कुलपति डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा, “डब्ल्यूयूडी में हम समय समय पर इस तरह के आयोजनों के जरिये युवा पीढ़ी को प्रोत्साहित और प्रेरित करते रहने को प्रतिबद्ध हैं। इस बार, हम सभी विजेताओं को छात्रवृत्ति की भी पेशकश कर रहे हैं ताकि वे वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन में औपचारिक शिक्षा ग्रहण कर सकें। यह पहली बार था कि हमने हमारे देश की रचनात्मक प्रतिभाओं को आकार देने में उल्लेखनीय योगदान करने वाले अध्यापकों को सम्मानित किया। डब्ल्यूयूडी के स्कूल ऑफ विजुअल आर्ट्स का लक्ष्य इसे आगे चलकर एक बड़ा और बेहतर वार्षिक आयोजन बनाना है।”