कोविड के कारण पैदा हुई आर्थिक मुश्किलों के कारण वस्तुओं की तस्करी में आई तेजी

                             


हाल में तस्करी कर लाए हुए उत्पादों को जब्त करने के लिए प्रवर्तन एजेंसियों की प्रशंसा करते हुए फिक्की कास्केड ने सरकार से निगरानी बढ़ाने को कहा क्योंकि मुश्किल आर्थिक हालात से आर्थिक अपराध बढ़ते हैं


नई दिल्ली : फिक्की की 'अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रही तस्करी एवं जालसाजी जैसी गतिविधियों के खिलाफ कमेटी (कास्केड) ने नीति निर्माताओं से अपील की है कि अवैध कारोबार को राष्ट्रीय खतरा मानते हुए इससे निपटा जाए। अवैध कारोबार हमारे देश के सामने आई सबसे जटिल चुनौतियों में से एक के रूप में उभर रहा है। विशेष तौर पर मौजूदा महामारी के कारण बने आर्थिक मुश्किलों के दौर में यह चुनौती और बढ़ गई है। कोविड-19 महामारी के इस दौर में सोना, सिगरेट, शराब जैसी वस्तुओं की तस्करी के कई मामले सामने आए हैं।


फिक्की कास्केड के चेयरमैन श्री अनिल राजपूत ने तस्करी वाली वस्तुओं को जब्त करने के लिए प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों बधाई देते हुए कहा, "अवैध कारोबार करने वाले हमेशा अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सिस्टम को धोखा देने के नए नए रास्ते खोजते रहते हैं। इन गतिविधियों से देश के आर्थिक हितों को बहुत नुकसान पहुंचता है और अंततः समाज को भी इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। प्रवर्तन अधिकारियों के हाल के प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन हम इन गतिविधियों पर अपनी निगरानी को कमजोर नहीं पड़ने दे सकते हैं। ऐसे समय में जबकि देश कोरोना वायरस के कारण सामने आई आर्थिक चुनौतियों से निपट रहा है, ऐसे में यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि सरकार निगरानी को सख्त करते हुए सुनिश्चित करे कि ऐसे अपराध नहीं होने दिए जाएंगे।"


हफ्तेभर से कम समय के भीतर कस्टम्स अधिकारियों ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर तस्करी वाले सिगरेट की दो बड़ी जब्ती की है। तस्कर इन तस्करी वाले उत्पादों को लाने ले जाने के लिए कोविड-19 स्पेशल ट्रेनों का इस्तेमाल कर रहे थे। विदेशी सिगरेट की तस्करी करने वाले दो बड़े गिरोह का पर्दाफाश होने के बाद जब्ती की ये दोनों कार्रवाइयां हुई हैं। पहला गिरोह मुंबई और दूसरा हैदराबाद का था। जब्त की गई सिगरेट की कुल कीमत 15 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसी महीने की शुरुआत में केरल एयरपोर्ट अथॉरिटी और तिरुअनंतपुरम एयरपोर्ट पर कस्टम्स ने क्रमशः 1.5 करोड़ रुपये और 15 करोड़ रुपये के तस्करी कर लाए हुए सोने को जब्त किया था।


कर चोरी का मौका देते हुए तस्करी केवल सरकार के राजकोष को ही नुकसान नहीं पहुंचाती है, बल्कि इससे स्थानीय उद्योगों पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है, जिन पर कई लोगों की आजीविका निर्भर है। फिक्की कास्केड के हालिया अध्ययन के मुताबिक, अकेले 2017-18 में 5 सेक्टर में तस्करी के कारण 16 लाख से ज्यादा रोजगार के नुकसान का अनुमान है। बेरोजगारी और बड़े वित्तीय नुकसान के अलावा अपराध को बढ़ावा देते हुए और आतंकवाद व अतिवाद की घटनाओं की फंडिंग करते हुए ऐसी तस्करी व अवैध कारोबारी गतिविधियां समाज में अस्थिरता भी पैदा करती हैं।


इस संकट को लेकर बड़े पैमाने पर जागरूकता लाने के लिए फिक्की कास्केड ने विभिन्न राज्यों में सरकार एवं प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों से कई बार चर्चाओं का आयोजन किया है, जिनमें इस चुनौती से निपटने के तरीकों पर बात की जाती है।