कोरोना के बाद की दुनिया से निपटने के लिए नये सिरे से कौशल विकास, कौशल बढ़ाना प्रमुख सीएसआर उपायः सीआईआई पैनल

कोरोना के बाद की दुनिया से निपटने के लिए नये सिरे से कौशल विकास, कौशल बढ़ाना प्रमुख सीएसआर उपायः सीआईआई पैनल



नयी दिल्ली : कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण दौर में वृहद प्रभाव हासिल करने और सीएसआर एजेंडा से आवश्यक रणनीतिक तैयार करने के लिए कौशल विकास सबसे अच्छे तरीकों में से एक है। यह विचार सीआईआई, उत्तरी क्षेत्र द्वारा आयोजित एक वेबिनार “सीएसआर के जरिये कौशल विकास” में विशेषज्ञों ने व्यक्त की। हेल्थकेयर, शिक्षा, रिटेल जैसे सभी क्षेत्रों में डिजिटल प्लेटफॉर्म से आगामी तिमाहियों में व्यापक स्तर पर रोजगार पैदा होने की संभावना है और कौशल निर्माण में जिस गति से नवप्रवर्तन को अपनाया जा रहा है, उसमें नयी उभरती हकीकत को देखते हुए ऑनलाइन मॉडल महत्वपूर्ण है।


एजेंसियों के बीच मजबूत साझीदारी और डिजिटल खाई पाटने की वकालत करते हुए पैनल के विशेषज्ञ इस बात को लेकर एकमत हैं कि कोविड ने सीएसआर में संसाधनों के आबंटन का तरीका बदल दिया है। इस दौर में खास जोर रोजगारपरकता पर है जिससे रोजगार पैदा हों और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आये। भारत ने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है और यहां युवाओं की अच्छी खासी आबादी है जो डिजिटल छलांग लगाने को तैयार हैवर्ष 2030 तक और सात करोड़ लोग भारत के कार्यबल में शामिल हो जाएंगे। यह आंकड़ा पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे 2017-18 से लिया गया है। हालांकि कोविड-19 महामारी की वजह से भारत में बेरोजगारी को लेकर चिंता बढ़ी है।


भारत सरकार के पूर्व सचिव और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के पूर्व महानिदेशक एवं सीईओ डॉक्टर भास्कर चटर्जी ने अपने संबोधन में कहा, “कोविड-19 ने कौशल विकास के सामने खास चुनौतियां खड़ी की हैं। आज जब विश्व एक संकट का सामना कर रहा है, सरकार, कॉरपोरेट जगत और क्रियान्वयन एजेंसियां सीएसआर की ओर रूख कर रही हैं। शिक्षा, विशेष शिक्षा, रोजगार बढ़ाने वाले व्यवसायिक कौशल को प्रोत्साहन देना आज के समय की जरूरत है और हमारा कानून इसे पूरा करने में सफल रहा हैकौशल विकास, नए सिरे से कौशल विकास और लोगों को रोजगार देने में मुश्किल कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं जिनसे निपटने की हमें जरूरत है। सरकार को अब एक सुविधा प्रदाता के तौर पर काम करना होगा और कंपनियों को कौशल विकास के क्षेत्र में गहराई से उतरने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। हमें डिजाइन किये जा रहे पाठ्यक्रमों, प्रमाणन और संसाधनों के प्रशिक्षण में लचीलापन की पेशकश कर नियोक्ताओं की गतिशील जरूरतें पूरी करने की भी जरूरत हैआज के समय की जरूरत है कि हम प्रौद्योगिकी को आत्मसात करें और रोजगार के क्षेत्र में ऊंची छलांग लगायें।”


सीआईआई उत्तरी क्षेत्र में कौशल विकास एवं आजीविका पर क्षेत्रीय समिति के सदस्य और कॉन्फ्रेंस चेयर ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) पीके गोयल ने उद्घाटन सत्र के अपने संबोधन में कहा, “कोविड-19 और वैश्विक स्तर पर लॉकडाउन ने कौशल के पारितंत्र को प्रभावित किया है जिससे कौशल विकास के क्षेत्र में असंतुलन पैदा हुआ है। हमें भारी संख्या में कार्यबल को कौशल प्रदान करने, उनका कौशल निखारने और कई तरह के कौशल से युक्त करने की जरूरत है ताकि उन्हें मनमुताबिक रोजगार मिल सके। यह सीएसआर फंड के जरिये प्रभावी तरीके से किया जा सकता है। भारत सरकार, कॉरपोरेट जगत को अपने फंड के साथ और क्रियान्वयन एजेंसियों को परामर्श एजेंसियों के साथ मिलकर एक प्रभावी कौशल विकास कार्यक्रम के लिए मिलकर काम करना चाहिये।”


सीओएआई (सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डॉक्टर एसपी कोचर ने कहा, “वर्तमान में एक अच्छी चीज़ यह है कि सरकार ने इस बात को स्वीकार लिया है कि कौशल प्रदान करना एक चुनौती है और वे इस अंतर को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। हम एक ऐसे कौशल विकास कार्यक्रम की सलाह देते रहे हैं जो सहयोगात्मक, समावेशी और अपनाने योग्य होयदि हम प्रौद्योगिकी का उपयोग करें तो इस तरह की पहल आसान हो जाएगी। प्रौद्योगिकी का उपयोग कर प्रशिक्षण को पूरे देश में सामान्य किया जा सकता है। हम मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया को पूरक मॉडलों के तौर पर एक कर सकते हैं और इस पहल के समर्थन में सीएसआर एक अहम भूमिका निभा सकता हैहम एंट्री लेवल सेगमेंट पर सॉफ्ट और आईटी स्किल के साथ सह कौशल का क्षेत्र तैयार कर सकते हैं। इसी तरह, इस सेगमेंट के अगले स्तर पर जेनेरिक सेक्टर के कौशल को और तीसरे स्तर पर प्रशिक्षण केंद्रों का सहारा ले सकते हैं जहां उद्योग के विशेषज्ञों द्वारा गहन जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।"


इस वेबिनार में सीआईआई उत्तरी क्षेत्र में कौशल विकास एवं आजीविका पर क्षेत्रीय समिति के चेयरमैन डॉक्टर सुधीर कपूर, टाटा स्ट्राइव की सीईओ सुश्री अनिता राजन, एचसीएल टेक लिमिटेड के प्रधान सलाहकार (एचआर) श्री आर आनंद, टेक महिन्द्रा फाउंडेशन के सीओओ श्री चेतन कपूर, कैपजेमिनी इंडिया की पेज हेड (परिचालन, डिजिटल समावेश, सीएसआर) सुश्री धनश्री, सीड की कार्यकारी निदेशक एवं संस्थापक सुश्री रोमिरा राय, मारूति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्रमुख (आईटीआई प्रोजेक्ट्स) श्री आशीष सिंह, सिएंट लिमिटेड की उपाध्यक्ष और सीएमओ सुश्री मीनू बागला, गुडएरा के एवीपी फाइनेंस श्री राहुल अग्रवाल, सीआईआई उत्तरी क्षेत्र में कौशल विकास एवं आजीविका पर क्षेत्रीय समिति के को-चेयर और मजेस्टिक ऑटो के सीएमडी श्री महेश मुंजाल और मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के ईडी श्री अरूण नालावडी जैसे प्रख्यात वक्ता शामिल हुए


इस पैनल ने अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए महत्वपूर्ण कौशल विकास कार्यक्रमों को चलाने में सीएसआर फंड्स का उपयोग करने के उपायों की रूपरेखा तैयार की। साथ ही इसने कौशल निर्माण के लिए सीएसआर कानून की प्रासंगिकता की भी समीक्षा की। इसके अलावा, पैनल ने एक ऐसे पारितंत्र के निर्माण के महत्व पर चर्चा की जो एक टिकाऊ भविष्य के लिए नये युग के कौशल को समर्थ बना सके।