रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट पवित्र पाटीदार की अंतर्राष्ट्रीय नेवल क्रूज कैम्प से वापसी

नेवल क्रूज कैम्प से वापसी देश के युवाओं से अनुरोध कि वे इस शानदार फोर्स का हिस्सा बनें : पवित्र पाटीदार



भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के नेवल एनसीसी कैडेट सीनियर कैडेट कैप्टन (एससीसी) पवित्र पाटीदार का चयन अंतर्राष्ट्रीय नेवल क्रूज कैम्प के लिये हुआ था। इस कैम्प के लिये पूरे भारत वर्ष से 17 एनसीसी डायरेक्ट्रेट में से 10 बेस्ट कैडेट्स का चयन किया गया था। एससीसी पवित्र पाटीदार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ डायरेक्ट्रेट के एक मात्र कैडेट हैं जिनका चयन अंतर्राष्ट्रीय नेवल क्रूज कैम्प के लिये हुआ35 दिवसीय इस कैम्प की यात्रा कोच्चि पोर्ट से 22 सितंबर को प्रारंभ हुई। इस कैम्प के दौरान एससीसी पवित्र पाटीदार तीन देश मेडागास्कर, कीनिया और तंजानिया की यात्रा इंडियन नेवी की शिप से किये I


रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के एनसीसी ऑफिसर सब लेफ्टिनेंट मनोज मनराल ने बताया कि यह कैम्प इंडियन नेवी के ओवरसीज डिप्लायमेंट के अंतर्गत आता है। इस कैम्प का उद्देश्य अन्य देशों से हमारे दोस्ताना संबंध और उन देशों की नेवी की कार्यशैली को समझना है तथा कैडेट्स को इंडियन नेवी के शिप में रोजाना होने वाली गतिविधियों के साथ-साथ उन्हें इंडियन नेवी की लाइफ स्टाईल से रुबरु कराना होता है।


आईएनएस तीर शिप से यात्रा कोच्ची से मेडागास्कर के लिये रवाना हुई। वन ट्रेनिंग स्क्वाड्रन शिप द्वारा फर्स्ट ट्रेनिंग स्वाड्रन में आईएनएस तीर, आईएनएस शारदुल, आईएनएस सुजाता और आईसीजीएस सारथी के साथ यात्रा प्रारंभ हुई। यात्रा के दौरान कैडेट्स को इंडियन नेवी की अलग-अलग गतिविधियों में शामिल किया गया। जिसमें मुख्य रुप से टोईंग ऑफ शिप जिसके अंतर्गत एक शिप से दूसरे शिप को खीचना, बोट लोवरिंग जिसके अंतर्गत रेस्क्यू बोट को समुद्र में उतारना और रेस्क्यू गतिविधियां करना, रिप्लेनिसमेंट एट सी जिसके अंतर्गत एक शिप से दूसरे शिप में सामान और सैनिकों का आदान-प्रदान, नेवीगेशनल कम्युनिकेशन एक्सरसाइज जिसके अंतर्गत एक शिप से दूसरे शिप में मोर्श कोड द्वारा संचार करना, प्रेक्टिस पिकिंग अप फ्लोट जिसके अंतर्गत एक शिप से दूसरे शिप में फ्यूल का आदान प्रदान करना, मनोवरिंग एक तरह की एक्सरसाइज है जिससे जहाजों की पोजीशन बदली जाती है, कैडेट्स को फायरिंग कराई गई जिसमें हेवी मशीन गन, मीडियम मशीन गन, लाईट मशीन गन, इंसास राइफल, कैराबाइन गनो से फायरिंग कराई गईयात्रा में कैडेट्स को शिप डैमेज कंट्रोल और फायर फाइटिंग से अवगत करायाशिप में कैडेट्स को सैनिकों की तरह ही डयूटी कराई जाती थी। फर्स्ट ट्रेनिंग स्वाड्रन के कैप्टन वरुण सिंह जो शौर्य चक्र से सम्मानित हैं के मार्गदर्शन में ऑल इंडिया से 10 एनसीसी कैडेट्स इंडियन नेवी की लाइफ स्टाइल से रुबरु हुए


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