"भारत का स्किल्ड युवा ही देश का 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का सपना पूरा करेगा" - अमित शाह

भारत सरकार, गुजरात सरकार और टाटा समूह की संयुक्त पहल द्वारा भारतीय कौशल संस्थान का गांधीनगर गुजरात में शिलान्यास



गांधीनगर : गुजरात की राजधानी गांधीनगर के महात्मा मंदिर में भारतीय कौशल संस्थान का शिलान्यास समारोह आयोजित गया। इस समारोह में देश के गृह मंत्री श्री अमित शाह मुख्य अतिथि के पर शामिल हुए। इसके साथ ही शिलान्यास समारोह में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी, उपमुख्यमंत्री श्री नितिनभाई पटेल, भारत सरकार कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय, भारत सरकार राज्य मंत्री श्री राजकुमार सिंह एवं गुजरात के श्रम और रोज़गार मंत्री श्री दिलीप कुमार ठाकोर ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस समारोह में टाटा के अध्यक्ष श्री रतन टाटा एवं टाटा संस के अध्यक्ष श्री नटराजन चंद्रशेखरन एवं राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के अध्यक्ष श्री ए एम् नायक भी उपस्थित रहे


भारतीय कौशल संस्थान को गाँधी नगर के नास्मेद में 20 एकड़ भूमि में बनाया जा रहा हैइस संस्थान में सालाना 5 हज़ार युवाओं को उत्तम स्तर का कौशल प्रशिक्षण देकर उद्योग जगत के लिए तैयार किया जायेगा। गुजरात सरकार एवं टाटा के सौजन्य से तैयार किये जाने वाले इस संस्थान में एयरोस्पेस, डिफेन्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा ऑइल एंड गैस जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जायेगा।


मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए, श्री अमित शाह ने कहा, “इस सरकार के केंद्र में गठन से पहले, जब माननीय प्रधानमंत्री जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब सबसे पहले कौशल विकास की शुरुआत हमने गुजरात स्किल डेवलपमेंट मिशन से ही की थी। 2014 में श्री नरेंद्रभाई मोदी जी के नेतृत्व में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो सबसे पहला कार्य उन्होंने स्किल डेवलपमेंट की रचना करते हुए, युवाओं को कौशल विकास की दिशा में आगे बढ़ाने की शुरूआत की।”


"हमारी 130 करोड़ की आबादी में हमारे पास ज्यादातर युवाओं की संख्या है...हमारे पास सबसे ज्यादा वर्कफोर्स है...इसी स्किल्ड वर्कफोर्स की बदौलत हम 2024 तक 5 ट्रिलियन की इकोनामी बनाकर दुनिया के बीच जाएंगे,” उन्होंने कहा।


भारतीय कौशल संस्थान के शिलान्यास के अवसर पर श्री विजयभाई रूपाणी जी ने कहा, “IIT एवं IIM जैसी विश्व स्तरीय संस्था के बाद IIS गुजरात को देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री एवं कौशल विकास मंत्री श्री डॉ. महेन्द्रनाथ पाण्डेय जी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। भारत के GDP में गुजरात का महत्वपूर्ण योगदान है। समग्र देश में रोजगारी के सृजन में गुजरात सबसे आगे है, कुल रोजगारी में 86 प्रतिशत रोजगारी गुजरात ने सृजित की है। समय के अनुसार टेक्नोलॉजी एवं ट्रेन्ड के अनुसार ट्रेनिंग की आवश्यकता है, इसलिए मेरा हमेशा युवाओं को यही सुझाव रहता है कि वो जॉब सीकर नहीं अपितु जॉब गिवर बनेगुजरात में जिस तरह विकास हो रहा है, इस गति को ध्यान में रखते हुए आईआईएस संस्था का लाभ गुजरात के युवाओं को मिलेगा। क्योंकि आज के समय में जिस तरह ग्लोबलाईजेशन हो रहा है है, ऐसे में IIS का महत्व बढ़ जाता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी की 'नया भारत' संकल्पना को साकार करने में आईआईएस संस्थान अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा। मैं राज्य सरकार की तरफ से इस संस्थान को हरसंभव सहयोग करूंगा।"


कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री श्री महेंद्रनाथ पाण्डेय ने कहा “अहमदाबाद में भारतीय कौशल संस्थान के लिए गुजरात सरकार द्वारा जो 20 एकड़ जमीन दी गई है, मैं इसके लिए गुजरात सरकार का आभारी हूँ। हम आने वाले वर्षों में आप सभी के सहयोग से नई उपलब्धियां हासिल करने की उम्मीद करते हैंनरेंद्र मोदी जी ने भारत को विश्व के कौशल की धुरी बनाने का जो सपना देखा हैं , हम अपने पहलों के माध्यम से उस दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहे हैंहमारी कोशिश है कि युवाओं को 12वीं के बाद तकनीकी शिक्षा प्रदान की जायेआईआईएस के माध्यम से हम युवाओं को रक्षा, एयरोस्पेस, तेल और गैस जैसे अत्यधिक विशिष्ट क्षेत्रों में कौशल और ज्ञान देकर दक्ष बनाना चाहते हैं। ताकि निकट भविष्य में हम भारत को इन क्षेत्रों में सिरमौर बना सकें।"


इसी तरह के दो और भारतीय कौशल संस्थान मुंबई और कानपुर के लिए प्रस्तावित हैं। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री श्री महेंद्र नाथ पाण्डेय ने, 2019 सितम्बर माह में मुंबई में भारतीय कौशल संस्थान की आधारशिला रखी थीभारतीय कौशल संस्थान को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य विश्व स्तरीय कौशल प्रशिक्षण केंद्रों का निर्माण करना है जिससे विश्व स्तर पर मौजूद अंतरराष्ट्रीय कौशल संस्थानों से बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सके।


भारत सरकार का प्रयास है कि भारतीय कौशल संस्थान द्वारा 2021-22 से युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू कर दिया जाए। भारतीय कौशल संस्थान पीपीपी मॉडल पर आधारित हैं और इनमें निजी क्षेत्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है जिससे छात्रों को भरपूर लाभ मिल सके


इन संस्थानों का संचालन शुरू होने के पांच साल बाद प्रदर्शन के परिणामों के आधार पर इनकी समीक्षा की जाएगी जिसमें हर साल कम से कम 5000 छात्र, परिसर के प्रशिक्षुओं के लिए कम से कम 70% प्लेसमेंट, मासिक औसतन वेतन और एक उच्च गुणवत्ता वाला स्किल संस्थान शामिल होगा जिसके आधार पर आगे के लिए लाइसेंस निर्धारित किए जाएंगे


 भारतीय कौशल संस्थान में नवीनतम प्रशिक्षण सुविधाओं की सुविधा दी जाएगी और इन संस्थानों के छात्रों के लिए उद्योगों से संबंधित कक्षाओं में ऑन-द-जॉब एवं प्रशिक्षण के अपार संभावनाएं बनाई जायेंगी। इन संस्थानों में सिमुलेटर, वर्चुअल लर्निंग और आग्मेन्टड लर्निंग प्लेटफार्मों जैसे उपकरणों के व्यापक उपयोग के साथ आधुनिक प्रशिक्षण पद्धति को बढ़ावा दिया जायेगाइन संस्थानों में प्रमाण पत्र, डिप्लोमा, उन्नत डिप्लोमा और विश्वविद्यालयों के संयोजन के साथ उच्चतम डिग्रियां भी प्रदान की जाएंगी


भारतीय कौशल संस्थान की योजना की निगरानी के लिए एमएसडीई सचिव की अध्यक्षता में एक इंटर-मिनस्टीरियल इम्पावर्ड कमेटी के गठन को भी मंजूरी दी गयी है। यह इम्पावर्ड कमेटी इन संस्थानों के मापदंड और मानदंड मामलों पर अपना फैसला करेगी