'यूथ अगेंस्ट लेप्रोसी', कुष्ठ पीड़ितों के प्रति छुआछूत के खिलाफ भारतीय युवाओं का राष्ट्रीय __ आंदोलन : सासाकावा-इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन
नई दिल्ली : सासाकावा-इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन (एस-आईएलएफ) ने आज युवाओं के बीच कुष्ठ के प्रति जागरूकता लाने के लिए राष्ट्रीय युवा महोत्सव यूथ अगेंस्ट लेप्रोसी' का आयोजन किया। इस युवा महोत्सव का आयोजन नई दिल्ली स्थित इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में किया गया। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में दो क्षेत्रीय आयोजनों के बाद यह तीसरा युवा महोत्सव है। यह आयोजन प्रोग्राम और ट्रेनिंग में हिस्सा लेने वाले देशभर के सभी प्रतिभागी कॉलेजों का फिनाले था। इस महोत्सव में बड़े पैमाने पर युवाओं ने हिस्सा लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया।
एस-आईएलएफ का वार्षिक युवा महोत्सव विभिन्न कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के सामान्य युवा छात्रों को लेप्रोसी से पीड़ित युवाओं से मिलने-जुलने का मौका देता है। इस तरह के मेल-जोल का लक्ष्य भ्रम को तोड़ना और कुष्ठ को लेकर कॉलेज युवाओं के मध्य एक सामाजिक पुल का निर्माण करना होता है। युवा महोत्सव हम बनाम वो के विभाजन को भरने वाली कड़ी साबित होता है। छात्र हैशटैगक्रिएटिंगहोप नाम से सोशल मीडिया कैंपेन से कम्युनिटी के रूप में जुड़े होते हैं।
प्रतिभागी युवाओं को एस-आईएलएफ ने शिक्षा, एडवोकेसी एवं जागरूकता कार्यक्रम के तहत नामित एवं प्रशिक्षित किया है। युवा बदलाव के वाहक होते हैं और वर्तमान में इस महोत्सव से बड़ी संख्या में युवाओं का जुड़ना उत्साहजनक है। यह बतौर देश हमारे एक होने का भरोसा देता है और समाज में कुष्ठ के प्रति फैले छुआछूत से लड़ने की ताकत देता है।
इस मौके पर सासाकावा-इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन के चेयरमैन श्री तरुण दास ने कहा, “कुष्ठ पीड़ितों की कॉलोनियों के युवाओं और बाहर के युवाओं को साथ लाना छुआछूत और भेदभाव हटाने की दिशा में एस-आईएलएफ की गतिविधियों का अहम हिस्सा है। युवा महोत्सव के आयोजन ने इस लक्ष्य को पाने में बड़ी भूमिका निभाई है।"
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सासाकावा-इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. विनीता शंकर ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के युवाओं को कुष्ठ से जुड़े विभिन्न मिथकों के बारे में बहुत कम जानकारी है, जिससे कुष्ठ पीड़ितों एवं उनके परिवारों को छुआछूत और भेदभाव का सामना करना पड़ता है। जो थोड़ी बहुत जानकारी उन्हें मिलती है, अक्सर वह भी भ्रामक होती है और इस बीमारी के प्रति छुआछूत को बढ़ाने वाली होती है। बतौर फाउंडेशन हम युवाओं को संवेदनशील बनाने को प्रतिबद्ध है, ताकि वे दुनिया में इसकी जानकारी दुनियाभर में प्रसारित कर सकें और इस छुआछूत को खत्म करने की दिशा में योगदान दे सकें, जिससे ज्यादा समावेशी और संवेदनशील समाज बने। हम सासाकावा-इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन की नई पहल युवा महोत्सव के जरिये हर साल ज्यादा से ज्यादा छात्रों तक पहुंचने की उम्मीद करते हैं। युवा महोत्सव का आयोजन क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय दोनों स्तर पर किया जाता है। अब तक अपने जागरूकता सत्रों और युवा महात्सवों के माध्यम से एस-आईएलएफ ने 17 लाख से ज्यादा युवाओं से संपर्क स्थापित किया है और कॉलेजों व स्कूलों के 12000 से ज्यादा छात्रों को इसके प्रति जागरूक किया है।"
देता है. सी रियालिक मा कुष्ठ के क्षेत्र में कार्य करते हुए सासाकावा-इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन के समक्ष यह तथ्य आया कि भारत में लोगों को इस बारे में बहुत कम जानकारी है कि कुष्ठ गैर-संक्रमणकारी, गैर-आनुवंशिक और पूरी तरह से इलाज के योग्य बीमारी है। इस वैज्ञानिक जानकारी का अभाव कुष्ठ के प्रति डर और छुआछूत को बढ़ावा देता है, जिससे कुष्ठ से पीड़ित व इसका इलाज से चुके लोग ही नहीं बल्कि उनके परिवार व बच्चों को भी भेदभाव एवं समाज निकाला जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है, जो कुष्ठ से पीड़ित नहीं होते। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कुष्ठ से पीड़ित लोगों को उनके मौलिक मानव अधिकार मिलें, सासाकावा-इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन ने समाज के विभिन्न वर्गों के बीच जागरूकता फैलाने का काम शुरू किया है। युवा महोत्सव भी इसी दिशा में एक पहल है, जिसका लक्ष्य विभिन्न कॉलेजों व शिक्षण संस्थानों से गठजोड़ करते हुए कुष्ठ के प्रति छुआछूत को खत्म करने के लिए युवाओं के बीच जागरूकता लाना और उन्हें इस प्रक्रिया से जोड़ना है। बतौर सासाकावा-इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन हमारा मानना है कि युवा समाज के रवैये एवं लोगों के व्यवहार में प्रभावी बदलाव लाने के वाहक हैं। हर बच्चे में कुष्ठ के प्रति छुआछूत को हमेशा के लिए समाप्त करने और ज्यादा समावेशी समाज निर्माण की इस पहल का ब्रांड अंबेसडर बनने की क्षमता है
कुष्ठ उन्मूलन के लिए डब्ल्यूएचओ के गुडविल अंबेसडर श्री योहेई सासाकावा की प्रेरणा से नवंबर, 2006 में सासाकावा-इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन (एस-आईएलएफ) का गठन हुआ था। फाउंडेशन का लक्ष्य इस बीमारी के प्रति व्याप्त छुआछूत को खत्म करना और वैज्ञानिक जानकारियां देकर सामाजिक स्वीकार्यता बढ़ाते हुए इससे पीड़ित लोगों के लिए समान सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक अवसर मुहैया कराना है। फाउंडेशन का लक्ष्य देशभर में कुष्ठ पीड़ितों एवं उनके परिवारों के जीवन में बदलाव लाना हैसमान सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक अवसर मुहैया कराते हुए यह फाउंडेशन कुष्ठ पीड़ितों को समाज की मुख्यधारा में लाकर अपने लक्ष्य एवं उद्देश्य की दिशा में आगे बढ़ रहा हैसीआईआई के पूर्व सदस्य श्री तरुण दास की अध्यक्षता में फाउंडेशन को एक सम्मानित बोर्ड से दिशानिर्देश प्राप्त होता है।