मध्य प्रदेश 50ः निर्यात बढ़ा सकता है

                 मध्य प्रदेश 50ः निर्यात बढ़ा सकता है



भारत के लघु और मध्यम उद्योग (एसएमई) के सबसे बड़े संगठन भारतीय एसएमई फोरम के अध्यक्ष श्री विनोद कुमार वुथू ने कहा कि मध्य प्रदेश से  2236 मिलियन डॉलर निर्यात की संभावना है और इस लक्ष्य को केंद्रित प्रयास के जरिए हासिल किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि इलेक्ट्रिक्ल मशीनरी व यंत्र, अल्यूमिनियम व उससे बने उत्पाद जैसे कपड़े बुनने व क्रोशिया के उपकरण, खाद्य तेल और कुछ कंद मूल (रूट ट्यूबर), आयरन व स्टील, मानव निर्मित स्टेपल फाइबर आदि के निर्यात संभाननाएं हैं। इन क्षेत्रों के लिए मध्य प्रदेश में प्राकृतिक व कृषि संसाधन हैं। अभी भारत के निर्यात में मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी 1.65ः है। अभी मध्य प्रदेश में मुख्यतौर पर जिंसे जिनमें जैविक औषधि निर्माण (बॉयोलॉजिकल ड्रग फारमुलेशन), सूती यार्न, सूती कपड़े, तैलीय भोजन और अल्यूमिनियम उत्पाद हैं। मध्य प्रदेश से तकरीबन 4436.8 मिलियन अमेरिका डॉलर का निर्यात होता है।


उन्होंने आगे कहा वैश्विक स्तर पर कारोबार की असीम संभावनाएं हैं जिनके बारे में कई बार कहा गया है लेकिन उतना किया नहीं गया है। भारत के 65 मिलियन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में 0.01ः से भी कम निर्यात कर रही हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के सहयोग से एसएमई फोरम देश के 4,00,000 एसएमई को निर्यात के लिए जागरूक व प्रोत्साहित कर रही है ताकि भारत में नए एसएमई अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो सकें। इससे आने वाले चार सालों में भारत से सामान का निर्यात दो गुना हो सकेगा। हम निर्यात को वित्तीय व बेहरत ढंग से काम करने में मदद देने वाले बैंक आईसीआईसीआई से भी गठजोड़ कर रहे हैं। भोपाल में वर्कशॉप और सेमिनार आयोजित किया गया। इसमें 200 से अधिक उद्यमियों ने हिस्सा लिया। 


इसमें निर्यात पर फैक्ट फाइंडिंग स्टडी, नामचीन विशेषज्ञों का पैनल डिस्कशन हुआ। इसमें थे 
श्री विनोद कुमार, अध्यक्ष, भारतीय एसएमई फोरम
श्री निलेश तिवारी, ब्रांच मैनेजर, ईसीजीसी लिमिटेड भोपाल
श्री सत्येन्द्र शर्मा, डिप्टी जोनल हेड, आईसीआईसीआई बैंक
श्री दीपक वाजपेयी, सीईओ, मृगनयनी, मध्य प्रदेश हस्तशिल्प और हस्तकरघा विकास कारपोरेशन लिमिटेड
श्री मोहम्मद फैसल हुसैन, ब्रांच मैनेजर, एनएसआईसी, भोपाल
सुश्री सुषमा मोरथानिया, महानिदेशक, भारतीय एसएमई फोरम                                            


चर्चा किए गए विषयों में निर्यात बनाम घरेलू सेल्स, एसएमई के लिए निर्यात की रणनीति रू स्मार्ट एक्सपोर्ट्स के लिए प्लानिंग और यथार्थ में बदलना, वैश्विक मानदंडों की जरूरत, निर्यात तेजी से बढ़ाने के तरीके, टैरिफ लाइंस के संदर्भ में मध्य प्रदेश में निर्यात की संभावनाएं।


पृष्ठभूमि
भारत में लगभग 65 मिलियन हैं। इनका सकल घरेलू उत्पाद में 11ः व  कुल विनिर्माण उत्पादन में 45ः योगदान है। ये 100 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया करवाती हैं। एसएमई बड़े उद्योगों को सहायता देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। साथ ही ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में उद्योगों को बढ़ावा देती है। इसलिए, यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि एसएमई हमारी अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा व रीढ़ हैं। एक जीवंत और आर्थिक रूप से समावेशी भारत को एक जीवंत एसएमई क्षेत्र की आवश्यकता है!


इन एसएमई आज एक बात की और जरूरत है कि उन्हें जीवित रहने के लिए भविष्य में और कारोबार की जरूरत होगी। हमारे एसएमई अपने उत्पादों को बेचने के लिए वैश्विक बाजार में प्रयास नहीं कर रहे हैं। लेकिन दुनिया भर में अन्य कंपनियां ऐसा नहीं कर रही हैं। विश्वभर में कंपनियां संभावित वैश्विक बाजारों को खोजती हैं  और वे भारत सहित अन्य बाजारों में आक्रामक रणनीति के साथ प्रवेश करने की चाहत रख रही हैं। इस साल वैश्विक आर्थिक फोरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत में मेक इन इंडिया भारत और विश्व के लिए उत्पाद मुहैया करवाने के लिए होगा। इससे उद्यमियों को लागत अर्थव्यवस्था में सुधार करने का अवसर ही नहीं मिलेगा बल्कि स्थानीय एसएमई को ईकोसिस्टम में कारोबार के नए मौके भी मिलेंगे।


इसमें कई चुनौतियां है - जैसे सात समुंदर पार के कारोबार के बारे विश्वसनीय डाटा उपलब्ध नहीं है, संभावित वैश्विक खरीदारों से संपर्क करने में सक्षम नहीं है, निर्यात से जुड़े कानूनों व उसके प्रक्रिया और दस्तावेजीकरण के बारे में जानकारी नहीं है, निर्यात बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित स्टॉफ नहीं है, वैश्विक कारोबार की अवसरों को पहचानने में दिक्कतें, वित्तीय निर्यात के लिए उपयुक्त पहुंच नहीं होना आदि हैं। एसएमई के लिए कुछ चुनौतियां उनकी सोच के कारण है, कुछ ज्ञान व जानकारी की कमी के कारण हैं और कुछ समग्र दृष्टिकोण और एंड टू एंड ग्लोबल ट्रेड सोल्यूशंस के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं होने के कारण हैं।


भारत एसएमई फोरम ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई 
मंत्रालय के सहयोग से देशभर में वर्कशॉप करने की जिम्मेदारी ली है जिससे भारत से निर्यात बढ़े और भारत की एमएसएमई को निर्यात का अवसर मिल सके। इसका एक उद्देश्य यह भी है कि निर्यात में भागीदारी करने वाली मौजूदा 1,27,000 उद्यमों की संख्या को बढ़ाकर 5,00,000 उद्यम किया जाए। एसएमई से होने वालो निर्यात उत्पाद को दोगुना किया जाए। एमएसएमई मंत्रालय ने अभी अंतर्रराष्ट्रीय सहयोग योजनाओं और निर्यात संवर्द्धन योजनाओं में  महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।