महानायक- डॉ. बी.आर. आम्बेडकर के सेट पर जगन्नाथ बने आयुध भानुशाली के टीचर

महानायक- डॉ. बी.आर. आम्बेडकर के सेट पर जगन्नाथ बने आयुध भानुशाली के टीचर



पिता और बेटे के रिश्ते जैसा कुछ नहीं होता है, वह पोषक और प्रेरक होता है। ऐसा ही रिश्ता डॉ. बी.आर. आम्बेडकर और उनके पिता के बीच था, जिसे हम &TV पर एक महानायक- डॉ. बी.आर. आम्बेडकर शो में देख सकते हैं। रोचक बात यह है कि शूटिंग के दौरान जगन्नाथ निवानगुणे (रामजी सकपाल) और आयुध भानुशाली (बाल बाबासाहब) के बीच पिता और पुत्र का पर्दे पर दिख रहा रिश्ता पर्दे के बाहर भी काफी गहरा रहा है। यह दोनों एक-दूसरे के साथ मजबूती से जुड़ गये हैं, इतना कि पर्दे के बाहर की उनकी केमिस्ट्री पर्दे पर उनकी भूमिकाओं में छा रही है।


इस शो की शूटिंग को कुछ ही महीने हुए हैं, लेकिन आयुध के सम्बंध अपने सभी साथी कलाकारों के साथ बहुत मजबूत हो गये हैं। आयुध और शो में उनकी माँ बनीं नेहा जोशी के बीच वात्सल्य का स्वाभाविक भाव देखा जा सकता है और इस बच्चे ने शो में अपने पिता बने जगन्नाथ के साथ भी मजबूत रिश्ता बना लिया है। जगन्नाथ को अक्सर अपने छोटे सह-कलाकार की पढ़ाई में मदद करते या उसके साथ खेलते देखा जा सकता है। चाहे लूडो खेलना हो या बाबासाहब के किरदार को गहराई से समझना, जगन्नाथ सेट पर आयुध की खूब मदद कर रहे हैं।


उन्होंने कहा, "मैं खुद एक पिता हूँ, इसलिये अक्सर बच्चों के साथ मेरा रिश्ता गहरा हो जाता है, इधर आयुध एक उत्साही और प्रसन्नचित्त बच्चा है, तो उसके साथ दोस्ती न करना कठिन है। बाबासाहब के पिता की भूमिका को पर्दे पर निभाते हुए आयुध के साथ मेरे रिश्ते में पितृभाव उत्पन्न हो गया। मैं उसे लेकर फिक्रमंद रहता हूँ और ब्रेक के दौरान उसे सिखाने या उसके साथ खेलने के लिये समय निकाल लेता हूँ।"


जगन्नाथ निवानगुणे ने आगे कहा, "बाबासाहब के पिता रामजी सकपाल का अपने बेटे के जीवन पर बड़ा प्रभाव रहा है। अपने बेटे के कठिन समय में उन्होंने सहयोग देने और उत्साह बढ़ाने का काम किया और वे अपने बच्चों की बेहतरी के लिये प्रतिबद्ध थेबाबासाहब के लिये अपने पिता को खोना एक बड़ी हानि थी, लेकिन इससे वे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति से नहीं भटके। संयोगवश बाबासाहब के पिता की पुण्यतिथि 2 फरवरी को है और उस अवसर पर मैंने और आयुध ने यह चर्चा की कि रामजी ने किस प्रकार अपने बेटे के भविष्य को आकार देने में मदद की। आम्बेडकर की कहानी में इस रिश्ते का बड़ा महत्व है और मैंने इसकी सही प्रस्तुति करने का प्रयास किया है। मेरे और आयुध के बीच पिता-पुत्र जैसा रिश्ता है और मैं मानता हूँ कि इसी रिश्ते ने पर्दे पर बाबासाहब और उनके पिता के रिश्ते का सही सार जीवंत करने में हमारी मदद की है।" आगामी एपिसोड में दर्शक बाल बाबासाहब को एक आभूषण व्यापारी के बच्चे के साथ


आगामी एपिसोड में दर्शक बाल बाबासाहब को एक आभूषण व्यापारी के बच्चे के साथ खेलते समय एक गहरे गड्ढे में गिरकर चोटिल होते देखेंगे। वे चलने में असमर्थ हैं और परीक्षा देने नहीं जा सकते। आराम के लिये कहे जाने पर भी वे अपने पिता से अपने घाव का इलाज करने के लिये कहते हैं और सभी को बताते हैं कि वे परीक्षा देने जाएंगेलेकिन इस चोट के साथ वे परीक्षा में पास कैसे होंगे? ज्यादा जानने के लिये देखिये ‘एक महानायक- डॉ. बी.आर. आम्बेडकर', प्रत्येक सोमवार


देखिये ‘एक महानायक- डॉ. बी.आर. आम्बेडकर', प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार, रात 8:30 बजे, केवल &TV पर