कोविड-19 की महामारी के बीच किसानों को अपना उत्पाद बेचने में मदद करने के लिए सिंजेंटा के नेतृत्व में चलाए गए अभियान ने 4.7 करोड़ रु. एकत्रित किए

                                   


सिंजेंटा फाउंडेशन इंडिया के कार्यक्रम का उद्देश्य संसाधनों से वंचित छोटी भूमि के किसानों के लिए इनोवेशन, सतत कृषि द्वारा संपत्ति का निर्माण करना तथा उन्हें भारत में वैल्यू चेन से जोड़ना है


भोपाल / कोविड-19 के संकट ने महाराष्ट्र में किसानों की आय को बहुत ज्यादा प्रभावित किया क्योंकि लगातार जारी लॉकडाऊन के कारण वो अपनी फसल को बेच नहीं पा रहे थे। इन किसानों की आय जारी रखने में मदद करने के लिए सिंजेंटा इंडिया लिमिटेड, सिंजेंटा फाउंडेशन एवं एग्री-एंटरप्रेन्योर ग्रोथ फाउंडेशन (एईजीएफ) ने राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम के निर्माण व संचालन के लिए सहयोग किया, जिससे 4.87 करोड़ रु. एकत्रित किए गए।


लॉकडाऊन की शुरुआत में बिहार में किसानों व सुविधाओं से वंचित लोगों को वित्तीय सेवाओं का सहयोग देने के लिए एग्री एंटरप्रेन्योर्स (एई) के विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से एक अभियान चलाया गया। मार्च एवं अप्रैल, 2020 के दौरान स्पाईस मनी एवं आईडीएफसी टूल्स के द्वारा बिहार के 10 जिलों में 13.5 लाख रु. से ज्यादा के डिजिटल फाईनेंशल विनिमय सफलतापूर्वक पूरे किए गए। बिहार राज्य की सरकार के सहयोग से एईज ने गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों के लिए 13,266 राशन कार्ड्स की उपलब्धता सुनिश्चित कीएईज ने 2,000 से ज्यादा महिला किसानों को अपने जन धन खाते प्राप्त करने में मदद की तथा 2,000 किसानों को नेशनल डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम, पीएम किसान का लाभ पहुंचाया।


सिंजेंटा इंडिया के चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर, डॉक्टर के. सी. रवि ने कहा, "मार्च 2020 के लॉकडाऊन के बाद हमारे एईज ने 12,290 छोटे भूमि के किसानों को 6642 मीट्रिक टन उत्पाद बेचने में मदद की, जिससे उन्होंने 4.87 करोड़ रु. कमाए। इस कार्यक्रम के तहत |सिक से 500 बक्से अंगूर पुणे की हाउसिंग सोसायटीज में पहुंचाए गए, अंगूर पटियाला, पंजाब को भेजे गए, सब्जियां नासिक से ई-कॉमर्स कंपनी, गो4फ्रेश को पहुंचाई गईं, बिहार में ऑनलाईन एग्रोनोमी कंपनी को 100 मीट्रिक टन मक्का भेजा गया, डेलगुर में 10 मीट्रिक टन प्याज बेचे गए, कोटा में 70 मीट्रिक टन तथा अलव में 42.5 मीट्रिक टन प्याज का कारोबार किया या. झारखं डमें 301 मीट्रिक टन कटहल एवं तरबूज बेचे गए तथा असम में 10 मीट्रिक टन चाय का कारोबार किया गया। इस प्रोजेक्ट के तहत हमने एक प्रभावशाली सॉर्टिंग एवं ग्रेडिंग की प्रक्रिया सुनिश्चित की, जिससे खरीददारों एवं विक्रेताओं के बीच ज्यादा विश्वास स्थापित हुआ और उन्हें अपने उत्पाद का बेहतर मूल्य मिला।"


 राजेंद्र जोग, सीईओ, एईजीएफ ने कहा, “एई प्रोग्राम मॉडल एई को परिस्थिति को पूरी तरह से समझने एवं किसानों की खेती संबंधी जरूरतों पर सही व तीव्र प्रतिक्रिया देने की स्थिति में स्थापित करता है, जिससे वो उच्च गुणवत्ता की प्रतिक्रिया देते हैं।"


2019 के दौरान लॉन्च किया गया एईजीएफ टाटा ट्रस्ट्स एवं सिंजेंटा फाउंडेशन इंडिया के बीच एक गठबंधन है, जिसका उद्देश्य भारत में संसाधनों से वंचित छोटे भूमिधारक किसानों को वैल्यू चेन से जोड़कर इनोवेशन एवं सतत कृषि के द्वारा उनके लिए संपत्ति का निर्माण करना है। एईजीएफ द्वारा जागरुकता व शिक्षा के कार्यक्रम महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, आंध्रप्रदेश, असम, ओडिशा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में 1782 प्रशिक्षित कृषि उद्यमियों के नेटवर्क द्वारा प्रत्यक्ष रूप से 3 लाख से ज्यादा किसानों एवं किसानों के परिवारों के 15.8 लाख से ज्यादा सदस्यों तक पहुंच चुके हैं