मध्यप्रदेश के 52 जिलों में सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए एडटेक स्टार्ट-अप टैगहाइव ने की राज्य सरकार के साथ साझेदारी

मध्यप्रदेश के 52 जिलों में सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए एडटेक स्टार्ट-अप टैगहाइव ने की राज्य सरकार के साथ साझेदारी



भोपाल : सैमसंग वेंचर्स समर्थित एजुकेशन टेक्नोलॉजी क्षेत्र के स्टार्ट अप टैगहाइव इन्कॉर्पोरेशन ने आज घोषणा की है कि उन्हें मध्य प्रदेश सरकार की ओर से राज्य के 2080 स्कूलों के नेटवर्क को ‘क्लास साथी’ उपलब्ध कराने संबंधी कार्य सौंपा गया है। इसके लिए उन्हें पुष्टि का पत्र मिल चुका है। ‘क्लास साथी’ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (आईए) ऐप है जिसे टैगहाइव ने विकसित किया है। य​​ह ऐप अपने क्लिकर के साथ क्लास रूम में बैठे हर छात्र तक सभी तरह का क्लासरूम समाधान पहुंचाने का किफायती जरिया है। यह दूर के इलाकों में स्थित उन स्कूलों तक भी पहुंच सकता है जिनमें इंटरनेट, कंप्यूटर और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं भी न हों। प्रगति की निगरानी करने और उचित कार्रवाई के लिए ‘क्लास साथी’ माता-पिता /अभिभावकों के लिए एक ऐप और प्रशासकों के लिए भी एक अलग ऐप उपलब्ध कराता है। टैगहाइव ने हाल ही
में दक्षिण करिया के श्री जून ह्योन द्वारा उनके प्री-सीरीज़ ए फंडिंग राउंड को पूरा किया है।


मध्य प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी ने मध्‍य प्रदेश की प्रधान सचिव श्रीमति रश्मि अरूण शामी और उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ पिछले साल व्‍यक्तिगत तौर पर दक्षिण कोरिया का दौरा किया था। इस दौरे का उद्देश्य कोरियाई स्कूलों के बेहतरीन तरीकों का अध्ययन करना था। प्रतिनिधिमंडल साउथ कोरिया के स्कूलों में टैगहाइव के क्लिकर समाधान के सफलतापूर्वक क्रियान्वन का भी गवाह बना। इस दौरे के बाद भारतीय प्रतिनिधिमंडल इस ऐप के प्रति आश्वस्त हो गई और फिर टीम ने 14 नवंबर 2019 (बाल दिवस) को क्‍लास साथी का पायलट प्रोजेक्‍ट शुरू कर दिया।


इस सहयोग के बारे में बात करते हुए टैगहाइव के संस्थापक और सीईओ पंकज अग्रवाल ने कहा, "टैगहाइव ने साल 2019 में भारतीय बाज़ार में प्रवेश किया और मोबाइल ऐप पर काम करने वाले दुनिया के पहले पेटेंट पेंडिंग क्लिकर्स सॉल्यूशन क्लास साथी' की मौजूदगी को सशक्त बनाने और तेजी से विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है। पिछले साल हमने मध्य प्रदेश के दो जिलों के सरकारीस् कूलों के साथ प्रारंभिक तौर पर इसका सफल परीत ण किया है पायलट टेस्ट के दौरान छात्रों द्वारा 4,800 से ज्यादा सवालों को हल किया गया


सरकारी अधिकरियों के लिए रियल टाइम में छात्रों के नतीजे देखना और सुधार के लिए ज़रूरी कार्रवाई तुरंत करना संभव हो सका। इस सहयोग के साथ 'क्लास साथी' 2000 से ज़्यादार स्कूलों में उपलब्ध कराया जाएगा जो 100,000 से भी ज़्यादा छात्रों और 4000 से भी ज़्यादा शिक्षकों  को सुविधा प्रदान कर रहे हैं। एक समाधान के तौर पर ‘क्लास साथी' सरकारी स्कूलों के लिए आदर्श है क्योंकि इसकी लागत कम है और इसके लिए शिक्षक के समार्टफोन के अलावा किसी भी तरह के अतिरिक्त इंफ्रास्ट्रक्चर की ज़रुरत नहीं होती।"


मध्य प्रदेश सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग के आयुक्त श्री लोकेश कुमार जाटव ने कहा, “हमें लगता है ‘क्लास साथी’ राज्य की के-12 शिक्षा प्रणाली में क्रांति लाएगा। हमारे स्कूलों में किए गए पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर नतीज़े बेहद प्रोत्साहित करनेवाले हैं क्योंकि इससे क्लासरुम में छात्रों का जुड़ाव और सीखने के परिणाम बढ़ाने में मदद मिलती है। शुरुआत में हम प्रत्‍येक 52 जिलों के 40 स्कूलों में ‘क्लास साथी’ क्लिकर्स इन्स्टॉल करने जा रहे हैं। इसके साथ ही हम एक उपयुक्त सीएसआर भागीदार की तलाश भी कर रहे हैं जो हमें संपूर्ण राज्य में ‘क्लास साथी’  उपलब्ध कराने के कार्य में हमारी मदद कर सके।”


टैगहाइव की भविष्य की योजनाओं पर पंकज ने कहा, “क्लास साथी न केवल  छात्रों के सीखने की क्षमताओं में सुधार लाता है, बल्कि इसके साथ ही यह उन छात्रों की पहचान करने में भी मदद करता है जिन्हें विशिष्ट विषयों में मदद की आवश्यकता है। ऐप का इंटरैक्टिव क्विज़ सॉल्यूशन शिक्षकों को छात्रों की ताकत और कमियों को पहचानने में सक्षम बनाता है। मध्य प्रदेश के बाद हम अन्य राज्यों में भी विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को रोज़ाना ज़्यादा से ज्यादा हासिल करने में मदद करना और भारत में सभी 25 करोड़ छात्रों को ‘क्लास साथी’ उपलब्ध कराना है।”