कोविड 19 को मात देने के लिए डब्ल्यूयूडी ने ऑनलाइन लर्निंग का रास्ता अपनाया

                                           


कोविड 19 को मात देने के लिए डब्ल्यूयूडी ने ऑनलाइन लर्निंग का रास्ता अपनाया



दिल्ली : पूरी दुनिया में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप तेजी से फैलने के बीच शैक्षणिक संस्थानों ने इस महामारी को बढ़ने से रोकने के लिए संस्थान बंद कर दिए हैं। कोविड-19 की वजह से संस्थानों के बंद होने के बीच वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिज़ाइन (डब्ल्यूयूडी) जैसी कई प्रगतिशील युनिवर्सिटीज़ ने पढ़ने-पढ़ाने की निरंतरता बनाए रखने के लिए ऑनलाइन माध्यम की ओर रूख किया है। डब्ल्यूयूडी रचनात्मक क्षेत्र में शिक्षा को समर्पित भारत की पहली और एकमात्र युनिवर्सिटी है।


डब्ल्यूयूडी प्रौद्योगिकी से युक्त एआई, सुपरविजन टेक्नोलॉजीज़ और वीडियो कॉन्फ्रेंस व अन्य टूल्स का उपयोग कर रही है जिससे वर्चुअल लर्निंग सुगम बन सके। इसमें कोर्सेरा, ब्लूम्सबरी, एबस्को आदि जैसे ऑनलाइन सेवा एवं संसाधन प्रदाताओं के साथ मिलकर फाइलें साझा करने, बैठकें करने और व्याख्यान के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का मिश्रण शामिल हैं। कक्षाओं के अलावा, एआई आधारित प्लेटफॉर्म के साथ ऑनलाइन माध्यम से निष्पादन आकलन का भी काम किया जा रहा है। इस युनिवर्सिटी ने सर्वर की क्षमता बढ़ाने, ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी, एक फोटो/वीडियोग्राफी स्टूडियो में काफी निवेश कर रखा है और ऑनलाइन अध्यापन एवं बातचीत के लिए इसके अध्यापकों के पास अत्याधुनिक लैपटॉप मौजूद हैं।


इस बारे में वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिज़ाइन के कुलपति डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा, “डिजाइन शिक्षा में यह एक अनूठी स्थिति है और डब्ल्यूयूडी इस दिशा में अगुवाई करने में प्रथम रही है ताकि अध्ययन के साथ समझौता न किया जाय और विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम पीछे न छूटे। डब्ल्यूयूडी पिछले एक वर्ष से अधिक समय से ऑनलाइन लर्निंग को आत्मसात करने पर काम करती रही है इसलिए इसकी तैयारी पहले से थी। कोविड 19 के प्रकोप ने इस प्रक्रिया में महज तेजी ला दी है जिससे हम ऑनलाइन माध्यम की ओर रूख करने के मामले में अग्रणी रहे। इससे न केवल भारत में बल्कि विदेश में विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली पढ़ाई जारी रखने की गारंटी देते हुए डिजिटल टूल्स और पद्धति को अपनाने के मामले में डिजाइन समुदाय में यह पहली युनिवर्सिटी है।”


डब्ल्यूयूडी में ऑनलाइन प्रतिभाग के साथ सीखने सिखाने का पिछले कुछ समय से नियम रहा है। डब्ल्यूयूडी पिछले तीन वर्षों से ग्लोबल गोल्स जैम का आयोजन करती रही है जहां दुनियाभर से 40 से अधिक समूह टिकाऊ विकास की पहल के लिए समाधान तलाशने की दिशा में अन्य युनिवर्सिटीज और एनजीओ के साथ मिलकर संयुक्त रूप से अनुसंधान के लिए ऑनलाइन जुड़ते हैं। यह सभी संस्कृति में डिजाइन का कार्यक्रम है जिसमें विभिन्न देशों से विद्यार्थी ऑनलाइन जुड़कर परियोजनाओं पर काम करते हैं। आधुनिक प्रौद्योगिकी, टूल्स और सॉफ्टवेयर को आत्मसात करने के लिए आवश्यक नवीनतम प्रौद्योगिकी और कौशल में यहां के अध्यापकों को पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित किया गया है


श्री गुप्ता ने आगे कहा, “डिजाइन शिक्षा आवश्यक तौर पर करके काम कर रही है। डिजाइन के अध्यापन के लिए अभी तक कुछ विशेष ऑनलाइन शिक्षा सुगम्य रही है। हालांकि, मुख्य योग्यता एक खुला दिमाग होना है इसलिए हम इसे बहुत कम समय में आगे ले जाने में समर्थ रहे हैं। हमारे पासएक एकीकृत कैंपस है जहां अध्यापक सभी क्षेत्रों में टीम भावना के साथ काम करते हैं। इससे ऑनलाइन अध्यापन की ओर रूख करना और उसे अपनाना आसान हो जाता है।”


इस स्थिति पर और विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, “डब्ल्यूयूडी ने अंतरराष्ट्रीय और भारतीय विद्यार्थियों को अपने घर वापस जाने तक उनके छात्रावासों में सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक ऐतिहाती कदम उठाए हैं। यह विचार घबराहट की स्थिति पैदा न हो, बल्कि इस स्थिति में एक दूसरे के बोझ के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए पेश किया गया। कुछ विदेशी युनिवर्सिटीज़ के उलट, डब्ल्यूयूडी ने महसूस किया कि कुछ दिनों के मामले को देखते हुए कैंपस से जाना सीमाओं खासकर अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए एक समस्या खड़ी हो जाएगी। इसलिए किसी भी विद्यार्थी को छात्रावासों से बाहर नही जाने दिया गया, उनके लिए खाने पीने की पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई और परिसर को स्वच्छ रखने के लिए कदम उठाए गए।"