न्यूहॉलैंड एग्रीकल्चर को मिला "ब्रांड ऑफ द डिकेड 2020" पुरस्कार


न्यूहॉलैंड एग्रीकल्चर को मिला "ब्रांड ऑफ द डिकेड 2020" पुरस्कार



मुंबई /   होटल सहारा के एक शानदार समारोह में सीएनएच इंडस्ट्रियल के जाने-माने ब्रांड न्यूहॉलैंड एग्रीकल्चर को ब्रांड इक्विटी, नवाचारों और विचारों के साथ निरंतरता हासिल करने के लिए "ब्रांड ऑफ द डिकेड 2020" पुरस्कार प्रदान किया गया। इस पुरस्कार की शुरुआत हेराल्ड ग्लोबल ने उन ब्रांडों को पहचान और पुरस्कार देने के लिए की थी जो स्थापित कैटेगरी का प्रचलन बदल कर नए आकर्षक अवसर देने में सफलता के साथ खुद की पहचान बनाते हैं और उपभोक्तओं की पहली पसंद बन जाते हैं। विजेता चुनने के लिए बीएआरसी (BARC) एशिया ने भारत में तीन चरण का विस्तृत सर्वे किया।


न्यूहॉलैंड एग्रीकल्चर नए-नए साधन पेश कर कृषि में स्थायित्व को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहा है। इस ब्राण्ड ने लगातार विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है जो केवल व्यापार विस्तार नहीं बल्कि किसानों को हाथ के बदले मशीन से खेती अपनाने के बढ़ते चलन में भी दिखता है। ब्रांड इक्वीटी में बुनियादी बदलाव करने के दृष्टिकोण से न्यूहॉलैंड को इस पुरस्कार के लिए सबसे सही दावेदार माना गया। हेराल्ड ग्लोबल के प्रधान संपादक श्री सौमिक सेन ने यह पुरस्कार प्रदान किया। न्यूहॉलैंड के अधिकारी पुरस्कार प्राप्त करने के लिए मौजूद थे।


 इस अवसर पर सीएनएच इंडस्ट्रियल – भारत के मुख्य विपणन श्री तरुण खन्ना ने कहा, "न्यू हॉलैंड में हम सभी के लिए यह विशिष्ट पुरस्कार जीतना बहुत खुशी और गर्व का अवसर है। यह पुरस्कार न्यूहॉलैंड प्रत्येक कर्मचारी की कड़ी मेहनत, समर्पण और ईमानदारी का सम्मान है। यह पुरस्कार हमें अधिक उत्साह से आगे बढ़ते हुए कृषि प्रक्रिया में स्थायित्व के यथासंभव बेहतरीन साधन देने के लिए प्रोत्साहित करता है। मैं हमें यह सम्मान देने के लिए बीएआरसी (BARC) और हेराल्ड ग्लोबल को धन्यवाद देता हूं।"


 न्यूहॉलैंड एग्रीकल्चर तकनीकी रूप से बेहतर रेंज के ट्रैक्टर के साथ-साथ खेत तैयार करने से लेकर कटाई के बाद उपयोगी - पराली और चारा संबंधी उपकरण, प्लांटर्स, बेलर, स्प्रेयर और जुताई के उपकरण की पूरी रेंज प्रदान करता है। न्यू हॉलैंड ट्रैक्टरों में अत्याधुनिक तकनीक के शक्तिशाली और ईंधन-सक्षम इंजन हैं इसलिए ये किसानों की पहली पसंद बन गए हैहाल में न्यूहॉलैंड इंडिया ने कुल मिला कर 5 लाख ट्रैक्टर बेचने का आंकड़ा पार कर लिया है और कंपनी के पहले से ही 1000 से अधिक ग्राहक संपर्क केंद्र कार्यरत हैं।


कंपनी अत्याधुनिक मशीनें पेश कर किसानों के लिए पराली जलाने की समस्या समाप्त करने में लगी है और फसल की पैदावार और मुनाफा बढ़ा रही है। वैकल्पिक ईंधन और उच्च स्तरीय कृषि प्रौद्योगिकी के तालमेल के साथ न्यूहॉलैंड के कृषि उपकरण किसानों को आने वाले कल के लिए आत्मनिर्भर बनाएंगे और स्वच्छ ऊर्जा समाधान सुनिश्चित करेंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के साथ न्यूहॉलैंड की साझेदारी का मकसद पंजाब और हरियाणा राज्यों में पराली का सदुपयोग कर आर्थिक रूप से लाभदायक स्थायी व्यवसाय मॉडल विकसित करना है। कृषि मशीन, तकनीकी और कार्य प्रक्रिया का अनुकूलन कर पराली से बिजली बनाने के साथ-साथ पश् चारा और खाद तैयार करने का भी लक्ष्य है। यह इस बात की मिसाल है कि पराली का खेत में लाभदायक उपयोग है। यह मथ कर में मिट्टी में मिलाने से बतौर खाद और अन्य लाभ देगी या फिर इसकी गांठ बना कर भी इसका लाभ लिया जा सकता है। इसे फिर पशु के लिए चारे की तरह या इससे बिजली भी बन सकती है। न्यूहॉलैंड बेलर से भारत में सालाना 1.5 मिलियन टन से अधिक पराली जलने से बचने का अनुमान है